अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) के पूर्व अधिकारी जॉन किरियाकू ने पाकिस्तान के परमाणु बम बनाने से जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख अब्दुल कादिर खान के बारे में अमेरिका के पास विस्तृत जानकारी थी, बावजूद इसके अमेरिका ने उन्हें मारने का निर्णय नहीं लिया।
‘US के पास अब्दुल कादिर की पूरी जानकारी थी’
किरियाकू के अनुसार, अमेरिकी एजेंसियों को अब्दुल कादिर के ठहरने और दैनिक गतिविधियों की जानकारी थी। उनका कहना है कि ऑपरेशन संभव था और अगर इजरायली शैली अपनाई जाती तो उसे मारना आसान होता। लेकिन सऊदी अरब के दबाव के कारण उस अभियान को रोक दिया गया।
सऊदी अरब का अनुरोध और संरक्षण
पूर्व सीआईए अधिकारी ने बताया कि सऊदी अरब ने उस दौरान अमेरिका से अनुरोध किया था कि अब्दुल कादिर को छोड़ दिया जाए क्योंकि सऊदी उसके साथ काम कर रहे थे और उनके रिश्ते पाकिस्तान के करीब थे। बाद में विदेश नीति से जुड़ी बैठकों में भी यह बात सामने आई कि व्हाइट हाउस ने अब्दुल कादिर को नहीं मारने का आदेश दिया था।
किरियाकू ने यह भी कहा कि संभव है सऊदी अरब ने अब्दुल कादिर को संरक्षण दिया हो क्योंकि उसके अपने परमाणु महत्वाकांक्षाएँ थीं — और यह प्रश्न उठता है कि क्या उसी कारण संरक्षण दिया गया।
अब्दुल कादिर खान कौन थे?
अब्दुल कादिर खान का जन्म 1936 में भोपाल में हुआ था; विभाजन के बाद 1952 में वे पाकिस्तान चले गए। उन्हें पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का प्रमुख माना जाता था और बाद में वे विश्व स्तर पर परमाणु तकनीक के अवैध प्रसार में भी शामिल रहे—उन पर उत्तर कोरिया, ईरान और लीबिया जैसी जगहों को तकनीक सप्लाई करने के आरोप लगे। उनकी मृत्यु 2021 में इस्लामाबाद में 85 वर्ष की आयु में हुई।
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